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500 कहानियाँ

"छी"! "राम - राम"! "ब्राह्मण होकर शराब पीते हो, शर्म नहीं आती, बताओ कहां है, वह चुड़ैल"? "आज, उसका और तुम्हारा आखिरी दिन है"! शांति ने धमकी देते हुए कहा


"भाभी जी, नमस्कार"! धर्मेंद्र के दोस्त ने हाथ जोड़कर कहा


"करमजले"! "तुझे पहले भी समझाया था, मेरे पति का साथ छोड़ दें और तेरी इतनी औकात, तू, मेरे घर में घुसकर, मेरे पति के साथ, मेरे सामने ,शराब पी रहा है और इमरान हाशमी के गाने सुन रहा है, आज, तुझे भी तेरी मौत ही यहां खींच कर लाई है, बता कहां है, वह चुड़ैल"? "नहीं तो इस झाड़ू से तेरी खाल उधेड़ दूंगी"! शांति में झाड़ू उठाते हुए कहा


"इस बेड के नीचे हैं"! दोस्त ने बताया


"कर्मवीर"! "चोटी पकड़ कर, बाहर निकालो उस चुड़ैल को"! शांति ने कर्मवीर से कहा


"आराम से निकालना, बेचारी बहुत नाजुक है, टूट ना जाए"! दोस्त ने कहा


"नाजुक है, नाजुक है, नाजुक है, नाजुक है"! शांति ने चार बार कहा और चार झाड़ू मारी


"नहीं, बहुत ही स्ट्रांग है"! दोस्त ने चार झाड़ू खाकर कहा


कर्मवीर, बेड के नीचे झांकने से पहले धर्मेंद्र की ओर देखकर कहता है "मैं अभी चोटी पकड़ कर बाहर निकालता हूं, उस चुड़ैल को, अय्याश जीजे, तेरी कोई आखिरी ख्वाहिश हो तो बता दे"!


धर्मेंद्र हाथ जोड़कर इशारा करता है


"तू, आज हाथ जोड़ या पांव पकड़, इमरान हाशमी जीजे, आज तेरी एक नहीं मानूंगा, अभी उस चुड़ैल को बाहर निकलता हूं"!


फिर कर्मवीर बेड के नीचे झुकता है तो वहां उसे एक शराब की बोतल मिलती है, वह उसे उठाकर कहता है -"दीदी बेड के नीचे, शबाब नहीं शराब है"!


फिर शांति, अपना पल्लू, कमर में खोसकर, चंडी की तरह, कर्मवीर से शराब की बॉटल लेती है और आंखें दिखा कर धर्मेंद्र के दोस्त से कहती है -"बता कहां है, वह लड़की"? "नहीं तो इस शराब की बोतल से तेरा सर फोड़ दूंगी"!


"कौन सी लड़की,"भाभी जी"? दोस्त ने पूछा


"वही लड़की, जिसके साथ तुम दोनों, रंगरेलियां मना रहे थे और इमरान हाशमी का गाना सुन रहे थे"! शांति ने कहा


"इस कमरे में, आपके अलावा और कोई लड़की नहीं है, भाभी जी  आप की कसम, हम दोनों केवल इमरान हाशमी के फॉलोवर हैं, उसे फॉलो नहीं करते हैं"! दोस्त ने कहा


"मेरी झूठी कसम खाता है, "बेवड़े"! शांति ने दोस्त के सिर पर बाटल मारते हुए कहा


फिर धर्मेंद्र का दोस्त इधर-उधर लड़खड़ाता है और कहता है "कुत्ते धर्मेंद्र, आज से तेरी मेरी दोस्ती खत्म"! और चक्कर खा कर नीचे गिर जाता है


"मैं, तुमसे आखरी बार पूछ रही हूं, बताओ कहां छुपाया है, उस लड़की को"? "नहीं तो यह भी बाटल, तुम्हारे पेट में घुसा दूंगी"! शांति ने धर्मेंद्र से पूछा


"अरे, हमने यहां किसी लड़की को नहीं बुलाया है, तुम्हें किसी ने गलत जानकारी दी है"! धर्मेंद्र ने डरते हुए बताया


"थोड़ा कम झूठ बोल, नशेड़ी जीजा, मैंने अपने कानो से तुझे, किसी लड़के से बात करते देखा था और तूने मेडिकल से वह भी मंगवाया था"! कर्मवीर ने कहा


"वह बात मैंने लड़की से नहीं, इसी दोस्त से की थी और मेडिकल से गैस की दवाई मंगाई थी, क्योंकि मुझे पीने के बाद बहुत गैस बनती है"! धर्मेंद्र ने कहा


"अबे चुप कर झूठे, मेरे सीधी-सादी, बिना सिंग वाली, गाय जैसी बहन को धोखा देता है और मुझे झूठा साबित करना चाहता है, जरूर तूने उस लड़की को अपनी जेब में छुपाया होगा"! कर्मवीर ने जब चेक करते हुए कहा


"कर्मवीर"! "तू, अपनी औकात से ज्यादा बोल रहा है और मुझ पर झूठे आरोप लगा रहा है, तु हमारी घर-गृहस्ती में आग लगाना चाहता है और मुझे, मेरी पत्नी की नजरों में गिराना चाहता है"! धर्मेंद्र ने कहा


"चुप ही रहो तुम, तुम्हें, मेरी नजर से किसी को गिराने की जरूरत नहीं है क्योंकि तुम मेरी नजर में पहले ही बहुत गिरे हुए इंसान हो, अपने बेवड़े दोस्त को बाहर फेंक आओ और अगर आज के बाद मेरे घर को, अपनी अय्याशी का ठिकाना बनाया, तो तुम्हें और इस घर को आग लगा दूंगी"!


फिर धर्मेंद्र अपने दोस्त को कंधे का सहारा देकर बाहर ले जाता है, उनके जाने के बाद कर्मवीर कहता है -"दीदी, हमारे आने से पहले ही कांड कर दिया जीजा ने, मुझे तो ऐसा ही लगता है"!


"चुप कर गधे और तेरे कान साफ करा, क्या देखता है और क्या सुनता है, आइंदा अगर ऐसी गलत खबर लाकर दी तो तेरी तनख्वाह आधी कर दूंगी"! शांति ने कहा


और दूसरे कमरे में चली गई, फिर कर्मवीर वह बची हुई शराब पीने लग जाता है और वहां पड़ा खाना, खाने लग जाता है, ऐसा करते हुए, उसे शांति देख लेती है और वह जोर से चिल्लाकर कहती है -"कर्मवीर"! "तु, मेरा भाई होकर इन कुत्तों की झूठी शराब और खाना खा रहा है, तूने, हमारे ऊंचे खानदान का नाम लुटा दिया, चला जा यहां से और अब गंगाजल से नहा कर ही, यहां आना"!


"ठीक है, "दीदी"!


कर्मवीर वह शराब और खाना उठाकर चला जाता है फिर बाहर धर्मेंद्र और कर्मवीर मिलते हैं


धर्मेंद्र उसके हाथों से शराब और वह खाने का सामान छुड़ा लेता है और फेंक देता है


"आस्तीन के सांप"! "मुझे डसना चाहता है, मेरी पत्नी को उल्टी सुरती पट्टी पढ़ाता है, आज भूखा, प्यासा रहेगा तो तेरी अक्ल ठिकाने आएगी, सुबह तेरी खबर लेता हूं"! धर्मेंद्र ने गुस्से में कहा


फिर कर्मवीर उसी क्षण धर्मेंद्र के पैरों में गिर जाता है और रोते हुए कहता है -"मुझे माफ कर दो, जीजाजी, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई, आज के बाद कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा"!


"ठीक है, ठीक है, माफ किया तुझे, यही बात, कल घर आकर तेरी दीदी को समझा देना"! धर्मेंद्र ने कहा


"हां बता दूंगा, जीजाजी, प्लीज मुझे ₹100 दे दो, नहीं तो पैदल ही घर जाना पड़ेगा और रात भर भूखा सोना पड़ेगा"! कर्मवीर ने कहा


"मैं, अपना पर्स घर भुल आया, सुबह ले लेना"! धर्मेंद्र ने कहा


"यह, क्या रहे"! कर्मवीर ने धर्मेंद्र की ऊपर की जेब से पैसे निकाल कर कहा


फिर धर्मेंद्र अपने घर आता है और चुपचाप चूहे की तरह बैठ जाता है, धर्मेंद्र को देखते ही शांति फिर भड़क उठती है और कहती है -"मेरे स्वर्ग जैसे घर को, नर्क बना दिया है, अय्याशी का अड्डा बना रखा है, जहां शहर के जाने-माने शराबी आते हैं और खा पी कर चले जाते हैं, क्या जरूरत है, फालतू के लोगों को घर बुलाने की, अगर ज्यादा पीने की खुजली चल रही थी तो वाइन शॉप चले जाते"! शांति ने कहा


"ठीक है, अगली बार यहां लाकर नहीं पियूंगा"! धर्मेंद्र ने कहा


"मतलब, वाइन शॉप जाकर पियोगे"! शांति ने कहा


"वाइन शॉप भी नहीं जाऊंगा"! धर्मेंद्र ने कहा


"तो फिर जंगल में जाओगे, अगर आज के बाद कभी भी शराब पी है ना तो मुह में बैलन ठोसकर मारूंगी तुम्हें, जाओ मेरे लिए चाय बना कर लाओ, मेरा दर्द से, सिर फटा जा रहा है"! शांति ने कहा


"थोड़ी देर बाद धर्मेंद्र चाय बना कर लाता है और देता है!


"इसमें कुछ मिलाया तो नहीं"! शांति ने कहा


"चाय शक्कर और दूध मिलाया है"! धर्मेंद्र ने कहा


"अरे, वह तो मुझे भी पता है, चाय दूध, शक्कर से बनती है, मैं जहर की बात कर रही हूं, क्योंकि अब तुम पर विश्वास नहीं रहा"! शांति ने कहा


"हमारे घर में जहर नहीं है"! धर्मेंद्र ने कहा


"मतलब, होता तो मिला देते"! शांति ने पूछा


"नहीं मिलाता, यार"! धर्मेंद्र ने कहा


"इतना अकड़ कर, क्यों बोल रहे हो, मेरी तरह शांति से बात नहीं कर सकते"! शांति ने कहा


"मुझे नींद आ रही है, उधर खिसको, मुझे सोना है"! धर्मेंद्र ने कहा


"नींद नहीं, नशा चढ़ रहा है तुम्हें, कुत्ते का मुत जो पिया है तुमने और में नशेड़ी को मेरे पास नहीं सुलाती हूँ, बाथरूम में जाकर सो जाओ"! शांति ने कहा


फिर धर्मेंद्र तकिया उठा कर दूसरे कमरे में चला जाता है और सो जाता है!


सुबह होती है


"ओ, कुंभकरण की औलाद, उठ जाओ और मुझे चाय बनाकर पिलाओ"! शांति ने चिल्लाकर कहा


धर्मेंद्र ने आंखें खोल कर घड़ी की ओर देखा है और कहता है "औ, "थारी जीजी की"! "9:00 बज गए"!


फिर वह उठकर दूसरे कमरे में आता है तो उससे शांति फिर कहती है -"तुम्हें अच्छे से पता है, मुझे बिस्तर में चाय पीने की आदत है, जाओ और फटाफट चाय बना कर लाओ"!


"अरे यार, आज लेट हो गया हूं, प्लीज तुम बनाकर पी लो"! धर्मेंद्र ने कहा


"क्या तुम्हारे होते हुए, मैं चाय बना कर पियूंगी, तुम्हें यह बात कहते हुए, शर्म नहीं आई, बहुत ज्यादा बोलने लग गए हो, चुपचाप चाय बना कर लाओ"! शांति ने धमकाते हुए कहा


फिर धर्मेंद्र फटाफट चाय बना कर देता है और जाने के लिए निकलता है


"अरे, मुंह छुपा कर कहां, भागे जा रहे हो, मुझे, तुमसे जरूरी बात करना है"! शांति ने कहा


"जल्दी बोलो, मुझे दुकान जाना है, लेट हो रहा हूं"! धर्मेंद्र ने पलटकर कहा


"अरे, चैन से चाय तो पी लेने दो, बेठो थोड़ी देर"! शांति ने चिल्लाकर कहा


फिर शांति आराम से चाय पीकर कहती है -"रात को तुम नशे में थे, इसलिए मैंने तुमसे ज्यादा बहस नहीं की, क्या तुम सच में रात को केवल शराब पी रहे थे या किसी लड़की को भी बुलाया था"! शांति ने पूछा


"तुमने, रात को पूरा घर छान मारा, तुम्हें कोई लड़की मिली"! धर्मेंद्र ने कहा


"लड़की नहीं मिली तो इसका मतलब यह नहीं कि तुम दूध से धुले हुए हो, वह तो तुम्हारी किस्मत अच्छी थी, जो चिड़िया मेरे हाथ नहीं लगी, अगर उसका एक पर भी घर में मिल जाता, तो तुम्हें बताती, शांति क्या चीज है"! शांति ने कहा


"अरे यार, मैं लेट हो रहा हूं और तुम बार-बार फिजूल का एक ही गाना गा रही हो, जब कह दिया, हम केवल शराब पी रहे थे तो क्यों बार-बार वही बात कर रही हो"! धर्मेंद्र ने कहा


"ज्यादा चिल्लाओ मत और तुम्हें यह फिजूल की बात लग रही है, अगर कल मैंने, तुम्हें रंगे हाथ पकड़ लिया होता तो तुम्हारी जान भी जा सकती थी"! शांति ने आंखें दिखाते हुए कहा


"जो हुआ नहीं, उस पर मुझे फोकट बहस नहीं करना, मैं जा रहा हूं"! धर्मेंद्र ने उडठते हुए कहा


"हुआ नहीं, से क्या मतलब है तुम्हारा, मतलब यह होगा, तुम ऐसा करोगे"! शांति ने कहा


"नहीं करूंगा, मेरी दादी, अब मुझे जाने दो"! धर्मेंद्र ने कहा


"तुम कर भी नहीं सकते"! शांति ने गर्व से कहा


"क्यों नहीं कर सकता"! धर्मेंद्र ने आश्चर्य से पूछा


"क्योंकि तुम, मुझसे डरते हो"! शांति ने गर्व से कहा


"तो क्या करूं, करके दिखाउं"? धर्मेंद्र ने पूछा


"अगर मां का दूध पिया हो, तो करके दिखाओ"! शांति ने धमकाते हुए कहा


"तुम क्या चाहती हो, करूं या ना करूं"! धर्मेंद्र ने पूछा


"मैं चाहती हूं, तुम करके दिखाओ"! शांति ने रोब से कहा


"मैं ऐसा कर सकता हूं पर करूंगा"! नहीं धर्मेंद्र ने कहा


"कर सकते हो, मतलब करते ही होंगे"! शांति ने कहा


"हां"!,,,,,"करता हूं"! धर्मेंद्र ने जोर से कहा


"क्या"! "तुम करते हो, मुझे पहले से पता था,"!शांति ने धर्मेंद्र के बाल नोचते हुए कहां


"मेरा मतलब, "हां",,!"नहीं करता हूं, नहीं करता हूं, मम्मी की कसम, नहीं करता हूं"!


फिर शांति धर्मेंद्र के बाल छोड़ देती है और कहती है -"करना भी मत, नहीं तो सारे बाल उखाड़ कर, गंजा कर दूंगी"!


"साइको हो क्या"? धर्मेंद्र में बाल जमाते हुए कहा


फिर शांति धर्मेंद्र के बाल पकड़कर कहती है -"मुझे सायको बोलते हो, "मुझे"! और धर्मेंद्र के बाल बहुत जोर से नोचती है


तब धर्मेंद्र कहता है -"मेरा मतलब, मैं साइको हूं, "मैं"! तुम तो ठीक हो, मेरा दिमाग खराब है"!


"और कुछ कहना है"! शांति ने धर्मेंद्र से पूछा


फिर धर्मेंद्र अपने मुंह पर उंगली रख लेता है और घर से बाहर आता है तो उसे उसका दोस्त पप्पू मिलता है, उसके सिर पर पट्टी बंधी है और धर्मेंद्र उससे पूछता है -"और दोस्त, कैसे हो"?


"भाई साहब, मैंने, आपको कहीं देखा है पर याद नहीं आ रहा है"! पप्पू ने कहा


"लगता है, कल रात मेरी पत्नी ने इसके सिर पर जो बाटल मारी थी, उस से इसकी याददाश्त चली गई है"! धर्मेंद्र ने मन मे सोचा


तभी पप्पू कहता है -"कुत्ते"! "खुदगर्ज"! "अपने घर बुलाकर अपनी बीवी से मुझे मार खिलाता है, तेरी - मेरी दोस्ती खत्म"! पप्पू ने कहा


"अरे, इसकी याददाश्त इतनी जल्दी वापस आ गई "!धर्मेंद्र ने मन में सोचा


तभी पप्पू कहता है -"हां याद आया, भाई साहब, आप धर्मेंद्र शर्मा जी हैं, कोई आपकी मुंह बोली बहन लैला, विदेश से आई है और वह आपके बारे में पूछ रही थी तो मैंने उसे आपके घर भेज दिया है"! पप्पू ने कहा


"नालायक"! "लैला मेरी बहन नहीं, कॉलेज की सेटिंग है, यह बात तु अच्छे से जानता है फिर भी तूने, उसे मेरे घर भेज दिया पर इसमें तेरी कोई गलती नहीं है क्योंकि तू गजनी का आमिर खान बन गया है, शांति और लेला दोनों एक दूसरे की जानी दुश्मन है, अगर शांति ने लैला को मेरे घर आते देखा तो उसकी जान ले लेगी और अगर लेला को पता चल गया कि मैंने, शांति से शादी कर ली है तो लेला मेरी जान ले लेगी, बहुत बुरा फसा हूं, मैं, हे भगवान अब क्या करूं"?


उधर दूसरी तरफ कोई शांति के घर का दरवाजा खटखटाता है शांति दरवाजा खोलती है तो कर्मवीर को देखती है
"दीदी, शुद्ध गंगाजल से नहा कर आया हूं"! कर्मवीर ने कहा


"लग तो नहीं रहे हो"! शांति ने कहा


"क्या करूं दीदी, मेरी शक्ल ही ऐसी है, "दीदी"! "आज पत्थर से भी पक्की खबर लेकर आया हूं, अरे वह इमरान हाशमी जीजा की कॉलेज की सेटिंग, "लीला"! "विदेश से वापस आ गई है और पगले बेताल की तरह जीजा जी को ढूंढ रही है"! कर्मवीर ने कहा


"क्या"! "वह चुड़ैल वापस आ गई है, अगर वह मुझे, धर्मेंद्र के आसपास भी नजर आई तो उसकी जान ले लूंगी"! शांति ने कहा


"अरे, जान लेने की क्या जरूरत है, जिजा जी को समझाना कि उसे दूर रहे"! कर्मवीर ने कहा


"तेरे जीजा जी को समझा समझा कर थक गई हूं, आते ही किच-किच शुरू कर देते हैं, तु यह बता, दुकान कैसी चल रही है"! शांति ने पूछा


"मेरी लगन और मेहनत से ही दुकान चल रही है, दुकान का सारा काम मैं करता हूं और जीजा जी काम चोरी करते हैं और दिनभर कुर्सी पर पड़े रहते हैं, बस लेडीस कस्टमर हमारी दुकान पर नहीं आती है"! कर्मवीर ने कहा


"क्यों"? शांति ने पूछा


"जीजा जी के कारण, लेडीस कस्टमर को देखते ही उनका इमरान हाशमी जाग जाता है, अब लेडीस तो बहुत सयानी होती हैं, जिजा जी की गंदी नजर को एक झटके में समझ जाती है और भाग जाती है, कहते हैं- ग्राहक भगवान का रूप होते हैं पर जीजा लेडीस ग्राहक को मल्लिका शेरावत समझते हैं"! कर्मवीर ने बताया


तभी शांति के पास एक अनजान कॉल आती है और वह फोन उठाकर सुनती है -"आपके पति, धर्मेंद्र शर्मा का बहुत खतरनाक एक्सीडेंट हो गया है, वह आखरी सफ़र हॉस्पिटल में आखरी सांसे ले रहे हैं, जल्दी आ जाओ"!


और फोन कट जाता है


"क्या"? शांति ने घबराते हुए कहा


तभी कोई बाहर से दरवाजा खटखटाता है और एक गाना बजता है


लैला मैं लैला


ऐसी हूं लैला


हर कोई चाहे मुझसे


मिलना अकेला


😀😀😀😀


To be continue


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4 Comments

kashish

24-Sep-2023 12:07 PM

Amazing

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madhura

24-Sep-2023 08:58 AM

V nice

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Anjali korde

24-Sep-2023 08:52 AM

V nice

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